रूप चतुर्दशी
कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को रूप चौदस, काली चौदस, नरक चतुर्दशी, छोटी दिवाली आदि नामों से पुकारा जात
कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को रूप चौदस, काली चौदस, नरक चतुर्दशी, छोटी दिवाली आदि नामों से पुकारा जात
कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को सायंकाल में यम-दीपदान किया जाता है। कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को धन त्र
दीपावली का सभी त्यौहारों में अपना विशेष स्थान है। किसी देव या देवी के सम्मान में किया गया यह क
श्राद्ध के बारें में शास्त्रों में भी बहुत वर्णन है। उन्ही में से कुछ बातें इस पोस्ट के माध्यम स
माघ शुक्ला पंचमी बसंत पंचमी के नाम से विख्यात है। यह वैदिक कालीन पर्व है। इस दिन बालकों का उपनयन
मकर संक्रांति भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख और लोकप्रिय पर्व है। इस त्यौहार को हर साल जनवर
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरत्पूर्णिमा कहते है। यह उत्सव रात्रि में किया जाता है
विजयादशमी वर्ष की तीन अत्यंत शुभ तिथियों में से एक है। इसीलिए इस दिन बच्चो को अक्षरज्ञान प्रार
दुर्गा नवमी 2020 में 25 अक्टूबर प्रातःकाल तक है तब भी दुर्गा नवमी 24 को ही मनेगी। दुर्गा महा नवमी पूजा
हरितालिका तीज नारियों का प्रमुख व्रत व उत्सव है। इसे हरितालिका तीज और हरतालिका तीज दोनों नाम स
गणगौर राजस्थान का मुख्य त्यौहार है जिसे धूम धाम से मनाया जाता है। इस पोस्ट में गणगौर पूजा में गा
वर्ष 2020 में 15 मार्च को शीतला सप्तमी है तथा 16 मार्च को शीतला अष्टमी है। संक्रामक व अन्य कई रोगों दू
पुली का त्यौहार अपने आप में अनूठा है जो कि अन्य त्यौहारों की तरह किसी तिथि विशेष को न मनाकर किसी
घर परिवार की दशा सुधारता है दशामाता का त्यौहार दशामाता का पर्व राजस्थान का एक ख़ास व प्राचीन त्य
होली अर्थात होलिका भारतवर्ष का आनंद और उत्साह का अति प्राचीन उत्सव है जिसे अनादि काल से मनाया ज
व्यक्तित्व विकास : आज हम स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं के आधार पर व्यक्तित्व विकास की 6 शीर्ष युक
सुशासन (Good Governance) अर्थात अच्छा शासन। श्रीमद् भगवतगीता, यजुर्वेद, महाभारत, चाणक्य के अर्थशास्त्र, श
भगवान श्री कृष्ण युद्धिष्ठिर से कहते है कि नरश्रेष्ठ भीष्म जी के स्वर्गवासी हो जाने पर सारे ज्
श्रीराम भगवान के अवतार की प्राचीनता के बारें में जानते है। आज से 8,69,121 वर्ष पूर्व त्रेता युग समाप
जो मनुष्य आपके साथ जैसा बर्ताव करें, उसके साथ वैसा ही बर्ताव करना चाहिये – यही नीति है। कपट का आ
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरत्पूर्णिमा कहते है। यह उत्सव रात्रि में किया जाता है
विजयादशमी वर्ष की तीन अत्यंत शुभ तिथियों में से एक है। इसीलिए इस दिन बच्चो को अक्षरज्ञान प्रार
स्वास्थ्य के लिए अच्छा खाना ही मायने नहीं रखता। हम कौनसी धातु के बर्तन में खाना खाते है यह भी मह
नव संवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को आरंभ होता है। ऋतुओं के परिवर्त को संवत्सर कहते है। ब्रह्मपु
ऋतु उसे कहते है जो सदैव चलती रहती है। ऋतु शब्द “ऋ गतौ” धातु से बना है। इसकी व्युत्पत्ति है : “
शिशिर ऋतु में माघ (तपस्) और फाल्गुन (तपस्य) मास आते है। यह हेमन्त ऋतु के पश्चात आती है। शिशिर ऋतु क
शरद् ऋतु में आश्विन (इष) और कार्तिक (ऊर्ज) मास आते है। आश्विन और कार्तिक मासों के प्रचलित नाम है।
हेमन्त ऋतु में मार्गशीर्ष (सहस्) और पौष (सहस्य) मास आते है। मार्गशीर्ष और पौष मासों के प्रचलित ना
महीनों के नाम किस आधार पर रखे गए है ? मास शब्द का एक अर्थ चंद्र है। माह शब्द भी चन्द्रवाचक ‘मास̵
वर्षा ऋतु में श्रावण (नभ) और भाद्रपद (नभस्य) मास आते है। श्रावण और भाद्रपद मासों के प्रचलित नाम है
नव संवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को आरंभ होता है। ऋतुओं के परिवर्त को संवत्सर कहते है। ब्रह्मपु
ग्रीष्म ऋतु में ज्येष्ठ (शुक्र) और आषाढ़ (शुचि) मास आते है। ज्येष्ठ और आषाढ़ मासों के प्रचलित नाम है
बसन्त ऋतु में चैत्र (मधु) और वैशाख (माधव) मास आते है। चैत्र और वैशाख मासों के प्रचलित नाम है। मधु औ
मास निम्न प्रकार के होते है : चंद्र/चांद्रमास सौरमास नाक्षत्रमास सावनमास मास शब्द का एक अर्थ चं
भारतीय संस्कृति में हर उत्सव, व्रत, पर्व अथवा त्यौहार को करने का एक नियत समय होता है। भारतीय काल
तिथियों के नियम के सन्दर्भ में श्रुति में आया है कि दोपहर के पूर्व का समय देवो का होता है, मध्यान
चंद्रमा के एक दिन को तिथि कहते है। जैसे प्रतिपदा (एकम), द्वितीया, चतुर्थी, एकादशी, अमवस्या, पूर्णि
श्राद्ध के बारें में शास्त्रों में भी बहुत वर्णन है। उन्ही में से कुछ बातें इस पोस्ट के माध्यम स
श्रीराम भगवान के अवतार की प्राचीनता के बारें में जानते है। आज से 8,69,121 वर्ष पूर्व त्रेता युग समाप
गणेश मंत्र – हिंदी अर्थ सहित वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ: ।निर्विघ्नं कुरु मे देव शुभ क
विष्णु मंत्र – हिंदी अर्थ सहित शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं । विश्वाधारं गगनसदृशं
महालक्ष्मी नमस्तुभ्यम् , नमस्तुभ्यम् सुरेश्वरि । हरिप्रिये नमस्तुभ्यम् , नमस्तुभ्यम् दयानिध
भारतीय संस्कृति को अंको के माध्यम से जानिये। 2 अयन : दक्षिणायन, उत्तरायण पक्ष : कृष्ण पक्ष, शुक्ल
व्रत से आत्मा शुद्ध होती है। संकल्पशक्ति शक्ति बढ़ती है। वैदिक संहिताओं (ऋग्वेदीय संहिताओं के अ
जो मनुष्य आपके साथ जैसा बर्ताव करें, उसके साथ वैसा ही बर्ताव करना चाहिये – यही नीति है। कपट का आ
भोजन के कुछ नियम भोजन को ईश्वर को अर्पण करके खाना चाहिए और भोजन की निंदा नहीं करनी चहिये, बिना नि
संकल्प क्या होता है ?किसी कार्य के लिए शपथ उठाना, दृढ़ प्रतिज्ञा करना ही संकल्प है। शपथ कभी कभी गल
परमा एकादशी का व्रत तीन साल में एक बार आता है। यह एकादशी पुरुषोत्तम मास के कृष्ण पक्ष में आती है
पद्मिनी एकादशी का व्रत तीन साल में एक बार आता है। यह एकादशी पुरुषोत्तम मास के शुक्ल पक्ष में आती
इन्दिरा व्रत (इन्दिरा एकादशी) वर्ष 2020 में 13 सितम्बर, रविवार को है। यह आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में
परिवर्तिनी एकादशी का व्रत वर्ष 2020 में 29 अगस्त, शनिवार को है। यह भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष में आती
हरतालिका तीज व्रत कथा पढ़े : हरतालिका तीज नारियों का प्रमुख उत्सव है। इसका वास्तविक नाम हरितालि
अजा एकादशी वर्ष 2020 में 15 अगस्त, शनिवार को है। यह भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में आती है। ॥ अथ भाद्रपद
श्रावण पुत्रदा एकादशी का व्रत वर्ष 2020 में 30 जुलाई, गुरुवार को है। यह श्रावण मास के शुक्ल पक्ष में
कामिका एकादशी का व्रत वर्ष 2020 में 16 अगस्त, गुरुवार को है। यह श्रावण मास के कृष्ण पक्ष में आती है। ॥
देवशयनी एकादशी का व्रत वर्ष 2020 में 01 जुलाई, बुधवार को है। यह आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष में आती है। ॥
योगिनी एकादशी का व्रत वर्ष 2020 में 16 – 17 जून , मंगलवार – बुधवार को है। यह आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष म
निर्जला एकादशी वर्ष 2020 में 02 जून, मंगलवार को है। यह ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष में आती है। ॥ अथ ज्ये
आँवले का पेड़ : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्व की कहानी एक समय की बात है एक सेठ
तुलसी महारानी का ब्राह्मण की सातवीं बेटी बनना : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्
फकीर की बेटी : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्व की कहानी एक नगरी है उसमें एक बाग
पंथवारी माता की कहानी “बुढ़िया की तीर्थ यात्रा” : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामात
पाट पीताम्बर का वेस : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्व की कहानी एक बुढ़िया थी । उ
बहन की भक्ति : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्व की कहानी दो भाई बहन थे। पहले उस क
छोटो मोटो : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से लिया गया दशामाता पर्व पर कहा जाने वाला श्लोक छोटो मोटो
दशामाता का न्याय : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्व की कहानी एक समय की बात हैं, ए
सोने के लड्डू : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्व की कहानी एक समय की बात हैं एक बु
बेशकीमती मोती : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्व की कहानी एक समय की बात है, एक ब्
पंथवारी माता की पूजा और देवरानी जेठानी : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्व की कह
खांडे से शादी : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्व की कहानी एक समय की बात है, सेठ से
दो परदे की हांडी : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्व की कहानी पुराने समय की बात है
वासक राजा : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्व की कहानी एक समय की बात है एक ब्राह्म
कीड़ी ने कण न हाथी ने मण : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्व की कहानी सूर्य भगवान प
गणपतिनाथ की कहानी “छोटा देखकर न्यौतिया” : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्व
छोटी रानी : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्व की कहानी एक समय की बात है, एक राजा था
राणा दे की मासीजी : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्व की कहानी एक समय की बात है, सू
तुलसी माताजी का पूजन करने वाली कन्या की भक्ति : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्