भारतीय संस्कृति को अंको के माध्यम से जानिये

भारतीय संस्कृति को अंको के माध्यम से जानिये।

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अयन : दक्षिणायन, उत्तरायण

पक्ष : कृष्ण पक्ष, शुक्ल पक्ष

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धरा पर अवस्थित अग्नि : दैविक, दैहिक, भौतिक

भौतिक अग्नि : जठराग्नि, दावाग्नि, बडवाग्नि

कुंभ : महाकुंभ, पूर्णकुंभ, अर्धकुंभ

त्रिगुण : सतोगुण, रजोगुण, तमोगुण

त्रिदेव : ब्रह्मा, विष्णु, महेश

दोष : वात्त, पित्त, कफ

लोक : पृथ्वी, स्वर्ग, पाताल

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अवस्था : जाग्रत, स्वप्न, सुषुप्ति, तुरीय

कुंभ के स्थान : प्रयाग, उज्जैन, नासिक, हरिद्वार

वेद : ऋग्वेद , यजुर्वेद , सामवेद , अथर्ववेद

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ऋण : देव, पितृ, गुरु, लोक, भूत

पंचकन्या : अहिल्या, द्रौपदी, तारा, सीता/कुन्ती, मन्दोदरी

पंचगव्य : दूध, दही, मक्खन, गोबर, गोमुत्र

पंचामृत : दूध, दही, घृत , मधु (शहद), शर्करा (शक्कर)

पंच तत्व : पृथ्वी, अग्नि, जल , वायु , आकाश

प्राण : प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान

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ऋतु : बसंत, ग्रीष्म, वर्षा , शरद, हेमंत, शिशिर

दर्शन : न्याय , वैशेषिक , सांख्य , योग , पूर्वमीमांसा , उत्तर मीमांसा

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ऋषि : महर्षि, परमर्षि , देवर्षि , ब्रह्मर्षि , श्रुतर्षि , राजर्षि , कांडर्षि

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अष्टसिद्धि : अणिमा , महिमा , गरिमा , लघिमा , प्राप्ति , प्राकाम्य , ईशित्व , वशित्व

प्रहर : पूर्वान्ह , मध्यान्ह , अपरान्ह , सायंकाल , प्रदोष, निशिथ , त्रियामा , उषा (शुरू के चार प्रहर दिन के है और बाकी के चार प्रहर रात्रि के है )

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नवग्रह : सूर्य , चंद्र , मंगल , बुध , गुरु , शुक्र , शनि , राहु , केतु

नवदुर्गा : शैलपुत्री , ब्रह्मचारिणी , चंद्रघंटा , कुष्मांडा , स्कंदमाता , कात्यायनी , कालरात्रि , महागौरी , सिद्धदात्री

नवनिधि : पद्म निधि, महापद्म निधि, शंख निधि , मकर निधि , कच्छप निधि , मुकुंद निधि , कुंद निधि , नील निधि , खर्व निधि

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दशावतार (विष्णु भगवान के अवतार) : मत्स्य, कच्छप, वराह, नरसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध, कल्कि

दिशाएं : पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, आग्नेय, नैऋत्य, वायव्य, ईशान्य, आकाश, पाताल

दिग्पाल : इन्द्र, यमराज, कुबेर, वरुण, रूद्र, अग्नि, नैऋत्य, पवन, ब्रह्मा, विष्णु

*दिशाओं के स्वामी को दिग्पाल कहते है*

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प्रयाग : प्रयागराज , देवप्रयाग , रुद्रप्रयाग , कर्णप्रयाग , नंदप्रयाग , विष्णुप्रयाग , इन्द्रप्रयाग , सोनप्रयाग , हरिप्रयाग , गुप्तप्रयाग , केशवप्रयाग

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ज्योतिर्लिंग : सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकाल, औंकारेश्वर, केदारेश्वर, भीमाशंकर, विश्वेश्वर, त्रयंबकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर, घृष्णेश्वर

सूर्य की बारह कला : तपिनी, तापिनी, ध्रूमा, मारिचि, ज्वालिनी, रुचि, सुक्षमन, भोगदा, विश्वा, बोधि‍नी, धारिणी और क्षमा

राशि : मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ, मीन

मास : चैत्र (मधु), वैशाख (माधव), जेठ (शुक्र), आषाढ़ (शुचि), श्रावण (नभस्), भाद्रपद (नभस्य), आश्विन (इष), कार्तिक (उर्ज), मार्गशीर्ष (सहस्), पौष (सहस्य), माघ (तपस्), फाल्गुन (तपस्य)

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चौदह भुवन :  7 लोक – अतल, वितल, सुतल, तलातल, महातल, पाताल , रसातल; 7 पृथ्वी – भूर्लोक, भूवर्लोक, स्वर्लोक, महर्लोक, जनलोक, तपोलोक, सत्यलोक

चौदह मनु : ब्रह्मा के पुत्र स्वायंभुव, अत्रि के पुत्र स्वारोचिष, राजा प्रियव्रत के पुत्र तापस और उत्तम, रैवत, चाक्षुष, सूर्य के पुत्र श्राद्धेदंव (वैवस्वत), सावर्णि, दक्षसावर्णि, ब्रह्मसावर्णि, ब्रह्मसावर्णि, धर्मसावर्णि, रुद्रसावर्णि, देवसावर्णि, चंद्रसावर्णि। मनुओं के नाम पर मनवंतर के नाम रखे गए हैं

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उप पुराण : सनत्कुमार पुराण , कपिल पुराण , साम्ब पुराण , आदित्य पुराण , नृसिंह पुराण , उशनः पुराण , नंदी पुराण , माहेश्वर पुराण , दुर्वासा पुराण , वरुण पुराण , सौर पुराण , भागवत पुराण , मनु पुराण , कालिका पुराण , पराशर पुराण , वसिष्ठ पुराण

चंद्र की सोलह कला : अमृत, मनदा, पुष्प, पुष्टि, तुष्टि, ध्रुति, शाशनी, चंद्रिका, कांति, ज्योत्सना, श्री, प्रीति, अंगदा, पूर्ण और पूर्णामृत

सोलह संस्कार : गर्भाधान, पुंसवन, सीमन्तोन्नयन, जातकर्म, नामकरण, निष्क्रमण, अन्नप्राशन, मुंडन, कर्णवेध, उपनयन, विद्यारंभ, केशांत, समावर्तन, विवाह, विवाहाग्नि, अंत्येष्टि संस्कार

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पुराण : ब्रह्म पुराण, पद्म पुराण, विष्णु पुराण, शिव पुराण, श्रीमद्भागवद् पुराण, नारद पुराण, मार्कण्डेय पुराण, अग्नि पुराण, भविष्य पुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण, लिंग पुराण, वराह पुराण, स्कंद पुराण, वामन पुराण, कुर्म पुराण, मत्स्य पुराण, गरुड़ पुराण, ब्रह्माण्ड पुराण

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एकादशी : कामदा, वरूथिनी, मोहिनी, अपरा / अचला, निर्जला / भीम, योगिनी, देवशयनी, कामिका, श्रावण पुत्रदा / पवित्रा, अजा, परिवर्तनी / जलझूलनी, इन्दिरा, पापांकुशा , रमा , देवप्रबोधिनी / देवउठनी / देवोत्थान , उत्पन्ना / उत्पत्ति, मोक्षदा, सफला, पुत्रदा (पौष मास), षट्तिला, जया, विजया, आमलकी, पापमोचिनी, पद्मिनी (अधिक/पुरुषोत्तम मास), परमा (अधिक/पुरुषोत्तम मास)

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नक्षत्र : अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, अश्लेषा, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाती, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपदा, उत्तराभाद्रपदा, रेवती

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