गणेश मंत्र “वक्रतुंड महाकाय…” – हिंदी अर्थ सहित

वक्रतुंड महाकाय

गणेश मंत्र – हिंदी अर्थ सहित

वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ: ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव शुभ कार्येषु सर्वदा ॥
शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसंपद: ।
शत्रुबुध्दिविनाशाय दीपजोतिर्नामोस्तुते ॥

मंत्र का हिंदी में अर्थ:

  • वक्रतुंड महाकाय : हे हाथी के जैसे विशालकाय
  • सूर्य कोटि समप्रभ: : जिनका तेज सूर्य की सहस्त्र किरणों के समान हैं
  • निर्विघ्नं कुरु मे देव : बिना विघ्न के मेरा कार्य पूर्ण हो
  • शुभ कार्येषु सर्वदा : सदा ही मेरे लिए शुभ हो ऐसी कामना करते हैं
  • शुभं करोति कल्याणं : शुभ करते है, कल्याण करते हैं
  • आरोग्यं : रोग मुक्त रखते हैं
  • धनसंपद: : धन सम्पदा देते हैं
  • शत्रुबुध्दिविनाशाय : जो विपरीत बुध्दि का नाश करके मुझे सद मार्ग दिखाते हैं
  • दीपजोतिर्नामोस्तुते : ऐसी दिव्य ज्योति को मेरा नमस्कार हैं

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