संपूर्ण संग्रह

रूप चतुर्दशी

कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को रूप चौदस, काली चौदस, नरक चतुर्दशी, छोटी दिवाली आदि नामों से पुकारा जाता है। कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी हनुमान जी का जन्म

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दीपावली उत्सव

दीपावली का सभी त्यौहारों में  अपना विशेष स्थान है। किसी देव या देवी के सम्मान में किया गया यह केवल एक उत्सव नहीं है, जैसा कि कृष्ण

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बसंत पंचमी

माघ शुक्ला पंचमी बसंत पंचमी के नाम से विख्यात है। यह वैदिक कालीन पर्व है। इस दिन बालकों का उपनयन कर उन्हें महर्षि अपने विद्यापीठ

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मकर संक्रांति

मकर संक्रांति भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख और लोकप्रिय पर्व है। इस त्यौहार को हर साल जनवरी के महीने में मनाया जाता है।

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विजयादशमी पर्व विशेष

विजयादशमी वर्ष की तीन अत्यंत शुभ तिथियों में से एक है। इसीलिए इस दिन बच्चो को अक्षरज्ञान प्रारम्भ कराते है तथा इसी दिन लोग नया

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व्यक्तित्व विकास : स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं के आधार पर

व्यक्तित्व विकास : आज हम स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं के आधार पर व्यक्तित्व विकास की 6 शीर्ष युक्तियों को जानेंगे। (Personality Development Tips on Basis

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तांबा, पीतल आदि के बर्तन में भोजन करने के स्वास्थ्य लाभ

स्वास्थ्य के लिए अच्छा खाना ही मायने नहीं रखता। हम कौनसी धातु के बर्तन में खाना खाते है यह भी महत्व रखता है। ताम्बा, पीतल,

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चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नव संवत्सर का आरंभ क्यों माना जाता है ?

नव संवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को आरंभ होता है। ऋतुओं के परिवर्त को संवत्सर कहते है। ब्रह्मपुराण में आया है कि ब्रह्माजी ने चैत्र मास

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नारद के 5000 वर्ष प्राचीन सुशासन के सिद्धांत

सुशासन (Good Governance) अर्थात अच्छा शासन। श्रीमद् भगवतगीता, यजुर्वेद, महाभारत, चाणक्य के अर्थशास्त्र, शुक्रनीति आदि में सुशासन के विस्तृत नियम वर्णित है। सुशासन किसी भी

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मास (माह / महीना) परिचय : भारतीय काल गणना

मास निम्न प्रकार के होते है : चंद्र/चांद्रमास सौरमास नाक्षत्रमास सावनमास मास शब्द का एक अर्थ चंद्र है। माह शब्द भी चन्द्रवाचक ‘मास’ शब्द से

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महात्मा भीष्म के अनुसार कैसा होना चाहिए एक राजा का आचरण

भगवान श्री कृष्ण युद्धिष्ठिर से कहते है कि नरश्रेष्ठ भीष्म जी के स्वर्गवासी हो जाने पर सारे ज्ञान लुप्त हो जायेंगे। इसलिए आप गंगानन्दन भीष्म

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भारतीय काल गणना : संवत्सर

भारतीय संस्कृति में हर उत्सव, व्रत, पर्व अथवा त्यौहार को करने का एक नियत समय होता है। भारतीय काल गणना से ही हमें व्रत उत्सव

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श्रीराम भगवान के अवतार की प्राचीनता कितनी है

श्रीराम भगवान के अवतार की प्राचीनता के बारें में जानते है। आज से 8,69,121 वर्ष पूर्व त्रेता युग समाप्त होकर द्वापर युग प्रारम्भ हुआ था।

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व्रत : वैदिक ग्रंथो के आधार पर व्रत परिचय

व्रत से आत्मा शुद्ध होती है। संकल्पशक्ति शक्ति बढ़ती है। वैदिक संहिताओं (ऋग्वेदीय संहिताओं के अतिरिक्त) और उपनिषदों में व्रतों के दो अर्थ लिखे हुए

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तिथि क्या होती है

चंद्रमा के एक दिन को तिथि कहते है। जैसे प्रतिपदा (एकम), द्वितीया, चतुर्थी, एकादशी, अमवस्या, पूर्णिमा आदि । सूर्य से 12 अंश की दूरी तक

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होली पर्व – भारतवर्ष का आनंद और उत्साह का अति प्राचीन उत्सव

होली अर्थात होलिका भारतवर्ष का आनंद और उत्साह का अति प्राचीन उत्सव है जिसे अनादि काल से मनाया जा रहा है। भिन्न-भिन्न काल खण्डो में

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