Category Archives: सनातन विज्ञान

शरद पूर्णिमा का इतना विशेष महत्व क्यों है?

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरत्पूर्णिमा कहते है। यह उत्सव रात्रि में किया जाता है। शरद पूर्णिमा की रात्रि को ही कृष्ण भगवान् ने महारास किया था। रासोत्सव का यह दिन वास्तव में भगवान्‌ कृष्ण ने जगत के कल्याणार्थ ही निश्चित करा है।  चन्द्रमा की चांदनी शरद ऋतु में जैसी आनन्दायक और लाभदायक होती

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विजयादशमी पर्व विशेष

विजयादशमी वर्ष की तीन अत्यंत शुभ तिथियों में से एक है। इसीलिए इस दिन बच्चो को अक्षरज्ञान प्रारम्भ कराते है तथा इसी दिन लोग नया कार्य आरम्भ करते है । इसी दिन श्रवण नक्षत्र में राजा महाराजा विजय के लिए प्रस्थान करते थे । विजयादशमी विजय तथा शांति के लिए अत्यंत शुभ तिथि है। विजयादशमी

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तांबा, पीतल आदि के बर्तन में भोजन करने के स्वास्थ्य लाभ

स्वास्थ्य के लिए अच्छा खाना ही मायने नहीं रखता। हम कौनसी धातु के बर्तन में खाना खाते है यह भी महत्व रखता है। ताम्बा, पीतल, लोहा के बर्तन उपयोग में लाईये और स्वस्थ रहिये। आइये जानते है ताम्बा पीतल स्टील आदि प्रयोग में लाने से क्या फायदा नुकसान होता है। स्टील के बर्तन आजकल स्टील

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चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नव संवत्सर का आरंभ क्यों माना जाता है ?

नव संवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को आरंभ होता है। ऋतुओं के परिवर्त को संवत्सर कहते है। ब्रह्मपुराण में आया है कि ब्रह्माजी ने चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि (अर्थात चैत्र शुक्ल प्रतिपदा) के सूर्योदय होने के पश्चात् सृष्टि की रचना प्रारम्भ करी थी। चूँकि सृष्टि का आरम्भ इसी दिन से हुआ था

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