Category Archives: भारतीय काल गणना

भारतीय ऋतु परिचय तथा उनका नामकरण

ऋतु उसे कहते है जो सदैव चलती रहती है। ऋतु शब्द “ऋ गतौ” धातु से बना है। इसकी व्युत्पत्ति है : “इयर्तीति ऋतु: “अर्थात जो सदैव चलती रहे। ऋतु समय(काल) की एक इकाई है। देखा जाये तो ऋतु ही समय की चाल (गति) है। सभी प्राणियों, पेड़ पौधों का विकास ऋतु के अनुसार ही होता

Read More

शिशिर ऋतु का नामकरण किस आधार पर किया गया है ?

शिशिर ऋतु में माघ (तपस्) और फाल्गुन (तपस्य) मास आते है। यह हेमन्त ऋतु के पश्चात आती है। शिशिर ऋतु के पश्चात् बसन्त ऋतु आती है। माघ और फाल्गुन मासों के प्रचलित नाम है। तपस् और तपस्य मासों के वैदिक नाम है जिनका सम्बन्ध ऋतु से है । तपस् और तपस्य मासों के नाम व

Read More

शरद् ऋतु का नामकरण किस आधार पर किया गया है ?

शरद् ऋतु में आश्विन (इष) और कार्तिक (ऊर्ज) मास आते है। आश्विन और कार्तिक मासों के प्रचलित नाम है। इष और उर्ज मासों के वैदिक नाम है जिनका सम्बन्ध ऋतु से है । इष और उर्ज मासों के नाम व अर्थ शरद् ऋतु के अर्थ से समानता रखते है। यह ग्रीष्म ऋतु के पश्चात आती

Read More

हेमन्त ऋतु का नामकरण किस आधार पर किया गया है ?

हेमन्त ऋतु में मार्गशीर्ष (सहस्) और पौष (सहस्य) मास आते है। मार्गशीर्ष और पौष मासों के प्रचलित नाम है। सहस् और सहस्य मासों के वैदिक नाम है जिनका सम्बन्ध ऋतु से है । इष और उर्ज मासों के नाम व अर्थ हेमन्त ऋतु के अर्थ से समानता रखते है। यह शरद् ऋतु के पश्चात आती

Read More

महीनों के नाम किस आधार पर रखे गए है ?

महीनों के नाम किस आधार पर रखे गए है ? मास शब्द का एक अर्थ चंद्र है। माह शब्द भी चन्द्रवाचक ‘मास’ शब्द से बना है। चन्द्रवाचक शब्द ‘मास’ के ‘स’ का ‘ह’ होकर ही माह शब्द बना है। वेदों में चन्द्रमा को मास का बनाने वाला कहा गया है क्योंकि चन्द्रमा से ही मास

Read More

वर्षा ऋतु का नामकरण किस आधार पर किया गया है ?

वर्षा ऋतु में श्रावण (नभ) और भाद्रपद (नभस्य) मास आते है। श्रावण और भाद्रपद मासों के प्रचलित नाम है। नभ और नभस्य मासों के वैदिक नाम है जिनका सम्बन्ध ऋतु से है। वर्षा ऋतु का अर्थ और नभ और नभस्य मासों के नाम और अर्थ में समानता है। नभ और नभस्य दोनों ही शब्द ”

Read More

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नव संवत्सर का आरंभ क्यों माना जाता है ?

नव संवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को आरंभ होता है। ऋतुओं के परिवर्त को संवत्सर कहते है। ब्रह्मपुराण में आया है कि ब्रह्माजी ने चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि (अर्थात चैत्र शुक्ल प्रतिपदा) के सूर्योदय होने के पश्चात् सृष्टि की रचना प्रारम्भ करी थी। चूँकि सृष्टि का आरम्भ इसी दिन से हुआ था

Read More

ग्रीष्म ऋतु का नामकरण किस आधार पर किया गया है ?

ग्रीष्म ऋतु में ज्येष्ठ (शुक्र) और आषाढ़ (शुचि) मास आते है। ज्येष्ठ और आषाढ़ मासों के प्रचलित नाम है। शुक्र और शुचि मासों के वैदिक नाम है जिनका सम्बन्ध ऋतु से है । शुक्र और शुचि दोनों ही शब्द “शुच्” शब्द से बने हुए है। “शुच्” शब्द का अर्थ होता है सुखना या जलना। यही

Read More

बसन्त ऋतु का नामकरण किस आधार पर किया गया है ?

बसन्त ऋतु में चैत्र (मधु) और वैशाख (माधव) मास आते है। चैत्र और वैशाख मासों के प्रचलित नाम है। मधु और माधव मासों के वैदिक नाम है जिनका सम्बन्ध ऋतु से है। मधु और माधव दोनों ही शब्द मधु से बनें है। मधु अर्थात एक प्रकार का रस जो वृक्षों, लताओं और जीवों को उत्साहित

Read More

मास (माह / महीना) परिचय : भारतीय काल गणना

मास निम्न प्रकार के होते है : चंद्र/चांद्रमास सौरमास नाक्षत्रमास सावनमास मास शब्द का एक अर्थ चंद्र है। माह शब्द भी चन्द्रवाचक ‘मास’ शब्द से बना है। चन्द्रवाचक शब्द ‘मास’ के ‘स’ का ‘ह’ होकर ही माह शब्द बना है। वेदों में चन्द्रमा को मास का बनाने वाला कहा गया है क्योंकि चन्द्रमा से ही

Read More