Category Archives: ज्ञान गंगा

व्यक्तित्व विकास : स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं के आधार पर

व्यक्तित्व विकास : आज हम स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं के आधार पर व्यक्तित्व विकास की 6 शीर्ष युक्तियों को जानेंगे। (Personality Development Tips on Basis of Swami Vivekanand’s Teachings) हर कोई चाहता है कि उसका एक अच्छा व्यक्तित्व (Personality) हो। हर कोई चाहता है कि अद्वितीय व्यक्तित्व के लक्षण (unique personality traits) हों, जिस पर

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नारद के 5000 वर्ष प्राचीन सुशासन के सिद्धांत

सुशासन (Good Governance) अर्थात अच्छा शासन। श्रीमद् भगवतगीता, यजुर्वेद, महाभारत, चाणक्य के अर्थशास्त्र, शुक्रनीति आदि में सुशासन के विस्तृत नियम वर्णित है। सुशासन किसी भी इकाई के अच्छे संचालन की एक कला है। आज से 5000 वर्ष पूर्व देवर्षि नारद युद्धिष्ठिर को सुशासन से सिद्धांत बता चुके थे। नारद ने युधिष्ठिर को सुशासन का उपदेश

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महात्मा भीष्म के अनुसार कैसा होना चाहिए एक राजा का आचरण

भगवान श्री कृष्ण युद्धिष्ठिर से कहते है कि नरश्रेष्ठ भीष्म जी के स्वर्गवासी हो जाने पर सारे ज्ञान लुप्त हो जायेंगे। इसलिए आप गंगानन्दन भीष्म जी के पास चल कर, उनको प्रणाम करके,धर्म, अर्थ,काम और मोक्ष इन चारों पुरूषार्थो के बारें में, यज्ञादि कर्मो को तथा चारो आश्रमों और राजा से सभी धर्मो को आप

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श्रीराम भगवान के अवतार की प्राचीनता कितनी है

श्रीराम भगवान के अवतार की प्राचीनता के बारें में जानते है। आज से 8,69,121 वर्ष पूर्व त्रेता युग समाप्त होकर द्वापर युग प्रारम्भ हुआ था। उसके पूर्व ही त्रेता युग के अन्त में भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। द्वापर के अन्त में श्री कृष्ण का अवतार हुआ था। हमारे प्राचीन वाङ्मयान्तर्गत विवेचनों एवं

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विदुर नीति : जानने योग्य बातें

जो मनुष्य आपके साथ जैसा बर्ताव करें, उसके साथ वैसा ही बर्ताव करना चाहिये – यही नीति है। कपट का आचरण करनेवाले के साथ कपटपूर्ण बर्ताव करना चाहिये; और अच्छा व्यवहार करने वाले के साथ साधु-व्यवहार से ही पेश आना चाहिये। जो अपने लिये प्रतिकूल जान पड़े, उसे दूसरों के लिये भी न करें। थोड़े

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