Category Archives: व्रत कथायें

बेशकीमती मोती : दशामाता पर्व की कहानी

बेशकीमती मोती : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्व की कहानी एक समय की बात है, एक ब्राह्मणी थी। उसको दशामाता का इष्ट था। उसका प्रतिदिन का नियम था कि जो कोई भी उसके दरवाजे पे कुछ मांगने आता था, उसे वह जरूर देती थी। वह किसी को भी अपने घर

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पंथवारी माता की पूजा और देवरानी जेठानी

पंथवारी माता की पूजा और देवरानी जेठानी : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्व की कहानी एक समय की बात हैं, दो देवरानी जेठानी होती है। देवरानी बहुत नियम धरम वाली थी। वह प्रतिदिन नहा धोकर पंथवारी माता के मंदिर जाती थी, उनके जल चढ़ती थी और पंथवारी माता की पूजा

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खांडे से शादी

खांडे से शादी : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्व की कहानी एक समय की बात है, सेठ सेठानी होते है। उनके पास बहुत धन दौलत होती है। उनके बहुत बड़ा मकान है। परन्तु उनके कोई संतान नहीं होती है। सेठानी बहुत नियम धरम वाली थी। उसके मकान में एक बावड़ी

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दो परदे की हांडी वाली सूर्यदेव की कहानी

दो परदे की हांडी : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्व की कहानी पुराने समय की बात है सूर्यनारायण भगवान की जो माताजी है वो एक दिन प्रजापत के पास जाती है और बोलती है कि हे प्रजापत हमे दो परदे वाली हांडी बना कर दे दे। प्रजापत उन्हें वैसी हांडी

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वासक राजा : दशामाता पर्व की कहानी

वासक राजा : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्व की कहानी एक समय की बात है एक ब्राह्मण- ब्राह्मणी होते है। उनके कोई सन्तान नहीं होती है। ब्राह्मणी होली के बाद से दस दिनों तक दशामाता की कहानियाँ सुनती थी और दसवें दिन दशामाता की पूजा करती थी। दशामाता की कृपा

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कीड़ी ने कण न हाथी ने मण : सूर्यदेव की कहानी

कीड़ी ने कण न हाथी ने मण : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्व की कहानी सूर्य भगवान प्रतिदिन नगरी में पधारते है और सभी जीवों का पालन करते है। राणादे सूर्य नारायण से पूछते है कि सुबह सवेरे आप धरतीलोक चले जाते है और शाम होते ही सूर्यलोक पधारते हो।

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गणपतिनाथ की कहानी : छोटा देखकर न्यौतिया

गणपतिनाथ की कहानी “छोटा देखकर न्यौतिया” : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्व की कहानी एक समय की बात है, एक सास बहु होती है। उनके थोड़ी गरीबी थी। वो सूत काटकर अपना जीवनयापन करती थी। सासूजी के गणपति का इष्ट था। सास प्रतिदिन सूत काटते हुए गणपति जी से प्रार्थना

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छोटी रानी

छोटी रानी : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्व की कहानी एक समय की बात है, एक राजा था। जब नाई उनके बाल काटने आया तो उसने राजा को बताया कि एक बहुत ही सुन्दर कन्या है। उस कन्या को दशामाता का इष्ट था। वह पीपल की प्रतिदिन पूजा करती ।

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राणा दे की मासीजी : सूर्यदेव की कहानी

राणा दे की मासीजी : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्व की कहानी एक समय की बात है, सूर्य भगवान की रानी के मायके से खबर आती है। परन्तु रानी सा को मायके जाने का मन नहीं थी। सूर्य नारायण भगवान रानी को यह कह कर मायके जबरदस्ती मायके भेजते है

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तुलसी माताजी का पूजन करने वाली कन्या की भक्ति

तुलसी माताजी का पूजन करने वाली कन्या की भक्ति : प्यारी बाई के कहानी संग्रह से ली गयी दशामाता पर्व की कहानी एक कन्या थी। जब वह थोड़ी बड़ी हुयी और उसको समझ आने लगी तब से ही वह तुलसी माताजी का पूजन करने लगी। उसके प्रतिदिन का नियम था कि तुलसी माताजी का पूजन

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